Tuesday, July 12, 2016

मला आवडलेल्या गझल्स - तूने ये फूल

आज आपण कतील शफाई यांची एक खूपच सुंदर गझल बघूया.

खूपच साधी, सरळ आहे, पण तेवढीच उत्कटही आहे.

-----------------------------------------------------
तूने ये फूल जो ज़ुल्फ़ों में सजा रखा है,
इक दिया है जो अंधेरों में जला रखा है ।

जीत ले जाये कोई मुझको नसीबों वाला,
 ज़िंदगी ने मुझे दाँव पे लगा रखा है।

इम्तिहाँ और मेरे ज़ब्त का तुम क्या लोगे,
मैंने धड़कन को भी सीने में छुपा रखा है ।

दिल था इक शोला मगर बीत गये दिन वो 'क़तील',
अब कुरेदो ना इसे राख़ में क्या रखा है

-
कतील शफाई

-------
शब्दार्थ:
 ज़ब्त = to keep, preserve; to withhold
--------------------------------------------------------------

मेहदी हसन यांनी ही गायलेली गझल नक्की ऐका



No comments:

Post a Comment